Mounting Tales


"Only a mountain can know the core of another mountain" - Frida Kahlo


उलटे टंगे बादलों से रिसता, बचा हुआ पानी। मेरी पीठ के पीछे, रौशनी का अक्स फलक तक की दौड़ लगा रहा है. एक  नीली चिड़िया उकडू बादलों में गोता खा रही है - मुझे दिख रही है साफ़ साफ़ - सोच रही है कितना और जीलूं , कितना और मर जाऊं। आए दिन का आलम, फिर भी, एक कच्ची सड़क सी मुस्कान मेरे चेहरे की चौड़ाई नाप गयी। बहुत आसानी से खुश हो जाती हूँ ना?  

एक गीत बह रहा रहा है - टीन पर बरसता पानी उसके बोल हैं - झिझकी चांदनी सरगम। वो गीत....... मेरे लिए है. हा हा हा हा.....ब-आदतन खुद की बुरी लत है - बहुत डांट खाती हूँ, फिर भी फितरत कहाँ बदलती है!

कुछ बीडी नशा करते हैं, कुछ चाय पीते हैं और कुछ कितनी भी शक्कर डाल दो सिर्फ शिकायत करते हैं। 

रिटायर्ड सूबेदार -  मेरी मुस्कान  से तीन खेत छोड़ के रहते है. बड़े नख्रेल. एक सभा में, प्याला देख राग-ए-अफसरी का तान छेड़ दिया। जिसने चाय बनाई थी वो बड़ी मुहफट, बेबाक हुआ करती थी  - न उम्र, न रुतबे की हिचक -  झूठ मूठ सूबेदार की प्याली रसोई ले गयी - बर्तन खनकाए, वापिस आई - तंज़ में लिपटी परोस दी - "चख के बताइए चचा कैसी है, बारिश के बाद वाली मीठी धूप घोल दी है इसमें" 

यहाँ बड़े सरल हाल हैं, सहज वादियाँ, शांत लोग।
रूह फूंकती खामोश ऊंचाई  में मेरा माज़ी साफ़ सुनाई देता है। मद्धम तारीखों कि पुड़िया में बंधे कुछ पक्के रंग.  गुज़रे लम्हे से इश्क करना बेहद आसान है - इसलिए कि वो बेपरवाह सा बीत गया।

एक लड़की है, यहाँ की पैदाइश।
बड़े होते चली गयी किसी और बड़े शहर में, दफे दफे लौट कर आती है.

अबके इसकी दादी खत्म हुई सुना। डाक्टरनी। उसके मोह से आया करती थी, कौन जाने निपटा के फिर कभी लौटेगी या नही. डाक्टरनी के पके बालों में अपना फरेब छुपाया करती थी. छोटे से ही बड़ी ढीठ. बचपन में बुढ़िया की सूखी छाती पे चूसनी खोजा करती, गाओं की औरतें खिल्ली उड़ाती, तो ये डंडी उठा कर उनके पीछे दौड़ा करती, चीखती, बिलकती, थक जाती और फिर सुकून की खोज शुरु.

अबकी, घंटों मेरी हथेली थामे चुप बैठी रही.... अभी मुस्कुरा रही थी फिर खाई में अपना नाम फ़ेंक दिया, अचानक बिखर गयी ..रोते रोते मेरे शाने पर सर रख कर सो गयी. मुंदी आँखों से कहती है - जी तोड़ के रोने में ख़ास सुकून है, उसके बाद गहरी नींद आती है।

मेरी पहचान Neruda से करवाई।

"Tan cerca que tu mano sobre mi pecho es mía,
tan cerca que se cierran tuso josco n mi sueño" 

"So close that your hand on my chest is my hand, 
so close that your eyes close as I fall asleep"

एक ओर कायनात की मिलकियत, एक ओर उसकी मायूसियत. उसकी आखों में मेरा दर्द है।


(This extract is part of a project that I promised a friend, promise I never kept; the friend I seldom kept)


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