MERA GAON MERE DOST

 साक्षी और तेजस, मेरी आदरणीय दोस्तों ने मुझे नए साल पर एक शुभकामना पत्रक भेजा  ( इस कार्ड का चित्र लेखन के निचे)


यूँ तो कई लोग एक दुसरे को इस मौके पर रंगीन पत्रक भेजते हैं पर ये काफी ख़ास था. ये न सिर्फ एक पत्रक था बल्कि एक उम्दा ग्रीटिंग कार्ड था जिसे देखते ही मुझे एहसास हुआ की "हे राम! मेरे दोस्त कितने रचनात्मक हैं." (प्रेरणा भरी सांस) मुझे इस कार्ड के द्वारा प्रेरणा मिली की मुझे भी इन जैसा रचनात्मक बनना चाहिए. समान तौर पे ये रचनात्मकता स्वंय ईश्वर की कृपा होती है परन्तु यद्यपि इन होनहार बालिकाओं ने ये गुण धरती पर ही सीखे. जब मैं इनसे पहली बार कॉलेज मैं मिली तो ये बेहद मामूली लड़कियां थी. इनके बालों से विचलित कर देने वाली गंध आती थी. इनके कपडे मैले थे. ये कॉलेज के कुत्तों से निवाला चीन रहे थे (माफ़ कीजिये छीन). इनकी आँखों में दरिंदगी थी (अमर सिंह वाली), इनकी बोली में अजीब लड़कपन था. ये दोनों हमेशा झुण्ड बना के चलते थे ( यू में आस्क कैन 2 पीपल एकचुल्ली मेक अ हडल? जी हाँ बिल्कुल!)
नीचे दिए गए चित्रों से आप इनके चेहरे आसानी से पहचान सकते हैं - इनके मुख की लालिमा और तेज ही परिचय है
(गो फिगर!) इस से पहले - मेरा इन दोनों को शत शत प्रणाम - हे इश्वर नए साल में मुझे भी इन जैसा बना दे - बेहद सुडौल और चीते जैसा सतर्क!
BEFORE THE CREATIVITY CAST A SPELL ON THEM



                                                                                                                        
AFTER INTAKE OF CREATIVITY TONIC

Comments

Mendak said…
This comment has been removed by the author.
Mendak said…
koi mujhe zameen se uthao... Rofl
jai maharashtra! said…
meri aankhen bhar aayi... i am being discussed! like i am so cool! ok so is sakshi..:)
funnyman said…
Where is the gaon in this? by the way - are you guys kidding here?? cause this isn't a good joke!
Anonymous said…
@ the self professed 'funnyman'... relax.. if u don't understand this post.. its alright.. its probably not meant for u..

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